IP Address Kya Hota hai: संपूर्ण ज्ञान अथवा इसके प्रकार

दोस्तों आज की एक और लेख में आपका स्वागत है, आज की लेख में हम जानेंगे IP Address Kya Hota Hai? आईपी एड्रेस का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?, आईपी एड्रेस के प्रकार तथा IP Address को कौन प्रदान करता है? IP Address से जुड़ी संपूर्ण जानकारी आज के लेख में हम आपको प्रदान करेंगे.


IP Address Kya Hota hai: संपूर्ण ज्ञान अथवा इसके प्रकार

अगर अब थोड़ा सा भी इंटरनेट में इंटरेस्ट रखते हैं. तो आपने कभी ना कभी, कहीं ना कहीं तो ip-address के बारे में सुना होगा. जब हम इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. तो हम आईपी ऐड्रेस के द्वारा ही किसी भी वेबसाइट को इंटरनेट पर एक्सेस कर पाते हैं.


और इसके अलावा इंटरनेट से फाइल डाउनलोड करना अथवा इंटरनेट पर किसी प्रकार का डाटा को ट्रांसफर करना यह सब IP Address के द्वारा ही संभव हो पाता है. बिना IP Address के कंप्यूटर को यह पता करना मुश्किल हो जाता है. यूजर असल में इंटरनेट पर किस चीज को ढूंढ रहा है.



हमें इंटरनेट को एक्सेस करने के लिए IP Address का होना बहुत ही अनिवार्य होता है. इसलिए अगर आपको एक स्मार्ट यूजर बनना है तो IP Address के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेना चाहिए.


IP Address की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस लेख को अंत तक पढ़ें. क्योंकि हम आज के लेख में IP Address से जुड़ी हर सवालों का जवाब देने वाले हैं मुझे उम्मीद है. यह लेख पढ़ने के बाद आपको आईपी एड्रेस से रिलेटेड किसी भी सवाल का जवाब जानने के लिए किसी और वेबसाइट पर भटकना नहीं पड़ेगा.


तो चलिए बिना समय गवाएं हम आज के लेख के बारे में बात करते हैं और बारीकी से समझने की कोशिश करते हैं IP Address Kya Hota Hai?.



आईपी एड्रेस क्या होता है? (IP Address Kya Hota Hai?)


आईपी एड्रेस नेटवर्क या इंटरनेट से जुड़ी किसी भी डिवाइस का एक एड्रेस होता है. जो कि एक नंबर के रूप में होता है. वही नंबर आईपी एड्रेस के लिए डिजिटल एड्रेस की तरह काम करता है. मतलब कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े हर डिवाइस की पहचान करता है. और इसके मध्य डाटा ट्रांसफर करने में सहायता करता है.


किसी भी प्रकार के नेटवर्क से जुड़े डिवाइस आईपी एड्रेस के द्वारा ही आपस में कम्युनिकेशन बना पाते हैं. हर एक डिवाइस का एक यूनिक आईपी एड्रेस होता है. इसका मतलब यह हुआ एक आईपी ऐड्रेस से जुड़ी दो डिवाइस नहीं हो सकती.


जब आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर के द्वारा इंटरनेट को एक्सेस करते हैं. तो आपके इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा आपके डिवाइस को एक यूनिक आईपी एड्रेस प्रोवाइड किया जाता है. इसी आईपी एड्रेस के द्वारा आपकी डिवाइस की पहचान इंटरनेट में होती है.



किसी भी डिवाइस को नेटवर्क से जुड़ने के लिए उसे विशिष्ट पहचान की जरूरत होती है. ताकि अन्य डिवाइस को पता चल सके कि उसे डिवाइस तक कैसे पहुंचना है. इंटरनेट की दुनिया में इसी पहचनकर्ता को आईपी एड्रेस कहा जाता है.


आईपी एड्रेस का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?


आईपी एड्रेस की मदद से इंटरनेट से जुड़ी किसी भी डिवाइस को पहचान प्रदान किया जाता है. जिससे कि किसी भी प्रकार का डाटा सही डिवाइस तक पहुंचाया जा सके. इसीलिए आईपी एड्रेस का इस्तेमाल किया जाता है.


अगर हम सरल भाषा में समझे तो जैसे कि मान लीजिए आप ऑनलाइन किसी भी प्रकार का सामान को खरीदते हैं. तो वह सामान आपके घर ही क्यों आ जाता है? किसी और के घर क्यों नहीं जाता है? जाहिर सी बात है यह सब एड्रेस के कारण होता है.


क्योंकि पार्सल पर आपका ही एड्रेस होता है. जिससे बिना दिक्कतों के आपका सामान आपके घर तक सही सलामत पहुंच जाता है. जैसे हर एक घर का यूनिक एड्रेस होता है. ठीक उसी प्रकार हर एक डिवाइस का भी यूनिक आईपी एड्रेस होता है.



जब भी कोई डिवाइस इंटरनेट को एक्सेस करते हैं. इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा एक यूनिक आईपी एड्रेस प्रदान किए जाते हैं. जिससे कि डाटा का आदान-प्रदान सही तरीके से किया जा सके. जैसे कि आप इंटरनेट से कोई वीडियो डाउनलोड करते हैं या फिर किसी वेबसाइट को एक्सेस करते हैं. तो वह वीडियो या इंफॉर्मेशन आपके डिवाइस तक आईपी ऐड्रेस के द्वारा ही पहुंच पाती है.


इसलिए इंटरनेट को एक्सेस करने के लिए ip-address का होना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. अब तो आप समझ ही चुके होंगे आईपी एड्रेस क्या होता है? और आईपी एड्रेस को क्यों इस्तेमाल करते हैं? चलिए अब आईपी एड्रेस के उपयोग के बारे में भी चर्चा कर लेते हैं.


आईपी एड्रेस के उपयोग (Uses of IP Address In Hindi)


आईपी ऐड्रेस का इस्तेमाल कंप्यूटर नेटवर्क के विभिन्न कार्यों में किया जाता है. आईपी एड्रेस के कुछ प्रमुख उपयोग निम्नलिखित प्रकार के हैं जो आप नीचे देख सकते हैं :


  • डिवाइस पहचान: आईपी एड्रेस डिवाइस में एक यूनिक नंबर होता है. जिसका उपयोग डिवाइस की पहचान के लिए किया जाता है. किसी भी प्रकार के कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टैबलेट या अन्य नेटवर्क डिवाइस को इंटरनेट पर पहचानने के लिए उपयोग किया जाता है.
  • डाटा पहुंचना: जब डाटा नेटवर्क के माध्यम से भेजा जाता है. तो उसकी सही एड्रेस तक पहुंचने के लिए आईपी एड्रेस का उपयोग किया जाता है. मतलब किसी भी डाटा को सही डिवाइस या कंप्यूटर तक पहुंचने में मदद करता है.
  • इंटरनेट ऐक्सेस: आईपी एड्रेस का उपयोग इंटरनेट पर साइट को एक्सेस करने में भी किया जाता है. जब आप किसी वेबसाइट पर जाते हैं. तो आपका डिवाइस का आईपी एड्रेस उस वेबसाइट के सर्वर तक पहुंचने में मदद करता है.
  • नेटवर्क सुरक्षा: आईपी एड्रेस का उपयोग नेटवर्क के सुरक्षा में भी किया जाता है. आप अपने नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए आईपी ऐड्रेस के आधारित नियम और फिल्टर्स का उपयोग करके अपने नेटवर्क का सुरक्षा कर सकते हैं.
  • व्यक्तिगत: वेबसाइट और सेवाएं आपकी आईपी एड्रेस के आधार पर आपको पसंद आने वाली वस्तुओं और आवश्यकताओं की सुझाव देने में मदद कर सकता है.


आईपी ऐड्रेस का संस्करण (Types of IP Version)


आईपी एड्रेस के मुख्यतः दो वर्जन होते हैं जो कि इस प्रकार है.

  • IPv4
  • IPv6 


तो चलिए अब इन दोनों के वर्जन को एक-एक करके समझते हैं. यह किस प्रकार काम करते हैं.


IPv4 (Internet Protocol Version4 In Hindi)


यह आईपी ऐड्रेस का सबसे पहला वर्जन है. जिसको सन 1983 में बनाया गया था. IPv4 32 बाइट्स के Binary Number होते हैं. जिसमें से 24 Bites नेटवर्क की पहचान करने के लिए और आठ बाइट्स Nodes के लिए Reserved रहती है. को 4 दशमलव में बांटा गया है और इसका हर एक भाग 8 बाइट्स का होता है.


यह कुछ इस प्रकार से दिखता है जिसे आप नीचे देख सकते हैं.

Example - xxx.xxx.xxx.xxx


यहाँ प्रत्येक "xxx" एक दशमलव संख्या होती है. जो 0 से 255 तक की मान हो सकती है. इस तरह के चार दशमलव संख्याओं का उपयोग आईपी पतों की पहचान और परिदृश्य में किया जाता है.



IPv4 पते में प्रत्येक दशमलव संख्या के बीच एक तिल्दे आता है. जो उन्हें अलग करता है. यह प्रत्येक संख्या को विशिष्ट हिस्सों में विभाजित करने में मदद करता है. जिससे नेटवर्क के विभिन्न उपकरणों को पहचानने में सहायक होता है। यह सबसे पुराने अथवा सामान्य प्रकार के आईपी एड्रेस होते है.


IPv6 (Internet Protocol Version4 In Hindi)


IPv4 address, जिसे "Internet Protocol version 6" के रूप में जाना जाता है, एक नए प्रकार का IP address है जिसमें 128-बिट की लम्बाई होती है। जिसे colun के हिसाब से बाटा जाता है, IPv6 में नंबर और कैरेक्टर दोनो का ही इस्तेमाल किया जाता है, यह ज्यादा संख्या के डिवाइसों को आसानी से इंटरनेट से जोड़ने की अनुमति देता है और भविष्य में इस्तेमाल होने वाले डिवाइसों के लिए स्थायी समाधान प्रदान करता है।


IP Address Kya Hota hai: संपूर्ण ज्ञान अथवा इसके प्रकार

हालांकि IPv4 में केवल नंबर ही होता है, और बढ़ते इंटरनेट की उपयोग के कारण इस बात का डर अधिक थी एक ही आईपी एड्रेस से दो डिवाइव ना हो जाए, इसी समस्या के समाधान के लिए IPv6 का निर्माण किया गया। IPv6 आईपी एड्रेस में हेक्साडेसिमल नंबर का इस्तेमाल किया गया जिससे कि ट्रिलियन डिवाइस को एक यूनिक आईपी एड्रेस प्रदान किया जा सके,


IPv6 कुछ इस प्रकार से दिखता है जिसे आप नीचे देख सकते हैं।

Example- xxxx:xxxx:xxxx:xxxx:xxxx:xxxx:xxxx:xxxx


यहाँ प्रत्येक "xxxx" 16-बिट के हेक्साडेसिमल नंबर को दर्शाता है, जिनमें 0 से 9 और A से F तक की मूल नंबर्स होती हैं। इस रूप में प्रत्येक चौथा वर्ग दो बार दिखाई देता है, जिससे आपको IPv6 की पहचान आसानी से हो सके। अब आईपी एड्रेस के वर्जन को भी आपने समझ लिया चलिए अब हम इसके प्रकार के बारे में जानते हैं।


आईपी एड्रेस कितने प्रकार के होते है? (Types of IP Address In Hindi)


आईपी एड्रेस मुख्यत: चार प्रकार के होते हैं जो की निम्न प्रकार से है।


  • प्राइवेट आईपी एड्रेस (Private IP Address)
  • पब्लिक आईपी एड्रेस (Public IP Address)
  • स्टेटिक आईपी एड्रेस (Static IP Address)
  • डायनामिक आईपी एड्रेस (Dynamic IP Address)


तो चलिए इनको भी एक-एक करके समझ लेते हैं कि यह किस प्रकार कार्य करते हैं।


1. प्राइवेट आईपी एड्रेस (Private IP Address In Hindi)


प्राइवेट आईपी एड्रेस एक ऐसा आईपी एड्रेस होता है जिसे एक ही नेटवर्क के अंदर कम्युनिकेशन करने के लिए रिजर्व किए गए होते हैं, यह आईपी एड्रेस नेटवर्क के भीतर के डिवाइस को पहचानने में मदद करता है। लेकिन इन्हें इंटरनेट पर सार्वजनिक रूप से उपयोग नहीं किया जा सकता है।


प्राइवेट आईपी एड्रेस का उपयोग घरेलू नेटवर्क, कंपनी के आंतरिक नेटवर्क या संगठनों में किया जाता है, जहां पर सुरक्षा और प्राइवेसी महत्वपूर्ण होते हैं। बाहर के नेटवर्क से कम्युनिकेशन करने के लिए उनका एक पब्लिक आईपी एड्रेस होता है।


कुल मिलाकर अगर इसे हम सरल भाषा में कहें तो प्राइवेट आईपी ऐड्रेस का उपयोग केवल लोकल नेटवर्क या प्राइवेट नेटवर्क में किया जा सकता है, जिसे हम प्राइवेट आईपी एड्रेस कहते हैं।


2. पब्लिक आईपी एड्रेस (Public IP Address In Hindi)


पब्लिक आईपी ऐड्रेस एक प्रकार का मुख्य आईपी एड्रेस होता है, जिसकी सहायता से आप बाहर की नेटवर्क से कम्युनिकेशन कर पाते हैं, इस आईपी एड्रेस को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा हमारे राउटर assing किया जाता है। अगर आप अपने कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ना चाहते है तो आपको एक पब्लिक आईपी एड्रेस की जरूरत पड़ती है.


3.स्टेटिक आईपी एड्रेस (Static IP Address In Hindi)


स्टेटिक आईपी एड्रेस वह आईपी एड्रेस होता है जो एक डिवाइस को स्थायी रूप से आईपी एड्रेस दिया गया होता है। इसका मतलब होता है कि इस आईपी एड्रेस का बदलाव नहीं होता, और यह डिवाइस के लिए हमेशा समान रहता है। स्टेटिक आईपी एड्रेसों का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि सर्वरों, रूटरों, या अन्य नेटवर्क उपकरणों को स्थायी आईपी पता प्रदान करने के लिए।



स्टेटिक आईपी एड्रेस का उपयोग सिस्टम की स्थिति को निरंतर रखने, नेटवर्क प्रबंधन को सरल बनाने और विशिष्ट सेवाओं को पहचानने के लिए किया जाता है। यह उपयोगकर्ताओं को नेटवर्क परियोजनाओं और संचार में सहायक होता है, क्योंकि उन्हें स्थायी आईपी पते का उपयोग करके सांझा डेटा और सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।


4. डायनामिक आईपी एड्रेस (Dynamic IP Address In Hindi)


डायनामिक आईपी एड्रेस वह आईपी एड्रेस होता है जो समय-समय पर बदलता रहता है। इसका मतलब होता है कि जब एक डिवाइस नेटवर्क में सामान्य रूप से कनेक्ट होता है, तो उसे स्वयं एक आईपी एड्रेस मिल जाता है, लेकिन जब वह डिवाइस नेटवर्क से डिसकनेक्ट होता है और फिर से कनेक्ट होता है, तो उसको एक नया आईपी एड्रेस प्रदान किया जाता है।


डायनामिक आईपी एड्रेसों का उपयोग आपके नेटवर्क में अधिक उपकरणों को कम्युनिकेशन करने की अनुमति देने के लिए किया जाता है, जिससे आपके पास प्रत्येक उपकरण के लिए एक विशिष्ट आईपी एड्रेस की आवश्यकता नहीं होती। यह उपयोगकर्ताओं को नेटवर्क पर आसानी से कनेक्ट होने और संचार करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है, लेकिन यह उपकरणों को विशिष्ट समयानुसार आईपी एड्रेसों की प्राप्ति करने की आवश्यकता होती है।


आईपी एड्रेस कौन प्रदान करता है? 


आईपी एड्रेस को विश्व के स्तर पर IANA (Internet Assigned Number Authority) के द्वारा प्रदान किया जाता है, यह कंपनी अमेरिका की कंपनी है जो की एक Non profit Corporation हैं। परंतु आईपी एड्रेसों को विभाजित करने के लिए। यह विभिन्न क्षेत्रों के आधार पर अलग-अलग इकाइयों में काम करता है।


अर्थात पूरी दुनिया में 5 Regional Internet Registries (RIRs) में विभाजित किया गया है जो की निम्न प्रकार के है।


  • ARIN ( American Registry for Internet Number)
  • LACNIC (Latin American And Caribbean Internet Address Registry)
  • AFRINIC (African Network Information Center)
  • RIPE NCC (Recuaux IP Europeens Network Coordination Centre)
  • APNIC (Asia-pacific Network Information Center)


इसी समय पूरे विश्व में 5 RIRs कार्य कर रही है, IANA इन सभी को RIRs को आईपी एड्रेस के बड़े बड़े Blocks प्रोवाइड कराती है। और ये सभी अपने अपने Region के ISPs Local Registries और Specific Users को उनकी जरूरत के हिसाब से आईपी एड्रेस Assign करती है।


उसके बाद ISPs (Internet Service Providers) हमारे जैसे यूजर्स को Assign कर देते है, इसके लिए बहुत सख्त Rule और Regulation फॉलो किए जाते है। साथ ही सभी आईपी एड्रेस का Record रखा जाता है।


आईपी एड्रेस कैसे पता करें? (What is My IP Address In Hindi)


अभी तक तो आपको पता चल गया होगा कि IP Address Kya Hota Hai? चलिए अब जानते हैं. आप कैसे अपने डिवाइस का आईपी ऐड्रेस निकाल सकतें है। यहां हम आपको आईपी एड्रेस निकालने का एक आसान सा तरीका बता रहे हैं। जिसकी सहायता से आप कभी भी अपने किसी भी डिवाइस का आईपी एड्रेस निकाल सकते हैं।


  • सबसे पहले आप अपने डिवाइस में किसी भी ब्राउज़र को ओपन कर लेना है, जिस डिवाइस का आप आईपी एड्रेस निकालना चाहते हैं।
  • उसके बाद अपने ब्राउज़र में What is my ip address लिखकर सर्च करना है।
  • बस इतना करते ही आपको अपना आईपी ऐड्रेस गूगल के पहले पेज पर दिख जायेगा।


आप इसकी की सहायता से अपने किसी भी डिवाइस जैसे कंप्यूटर, टेबलेट, स्मार्टफोन, स्मार्ट वॉच आदि का भी आईपी एड्रेस पता कर सकते हैं इसके अलावा इंटरनेट पर आपको ढेर सारी वेबसाइट मिल जाएंगे जहां से आप अपने किसी भी डिवाइस का आईपी ऐड्रेस चेक कर सकते हैं।


FAQs - IP Address Kya Hota Hai?


Q. IP Address का मतलब क्या होता है?

Ans. आईपी एड्रेस इंटरनेट से जुड़े किसी भी डिवाइस का एड्रेस होता है, जिससे कि इंटरनेट पर डिवाइस को पहचान मिलती है।


Q. अपना आईपी एड्रेस कैसे पता करें?

Ans. आप अपने किसी भी ब्राउज़र में सर्च करके अपना आईपी एड्रेस का पता लगा सकते हैं।


Q. आईपी एड्रेस के कितने वर्जन होते हैं?

Ans. आईपी एड्रेस के दो वर्जन होते हैं जिनमें शामिल है IPv4 और IPv6।


Q. अपने आईपी एड्रेस को कैसे हाइड कर सकते हैं?

Ans. हम अपने ip-address को VPN का इस्तेमाल करके हाइड कर सकते हैं।


निष्कर्ष - IP Address Kya Hota Hai?


जितने जीटीए वाइस इंटरनेट से कनेक्ट रहते हैं उन सभी डिवाइस का एक इस आईपी एड्रेस होता है, जिसकी मदद से वह इंटरनेट पर आपस में कम्युनिकेशन बना पाते हैं। इंटरनेट को एक्सेस करने में आईपी एड्रेस का बहुत बड़ा रोल होता है।


मुझे उम्मीद है इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे IP Address Kya Hota Hai? इसके अलावा आपको आईपी एड्रेस से जुड़ी हर एक सवाल का जवाब लगभग आपको मिल चुका होगा। यदि आपके मन में आईपी एड्रेस से जुड़ी किसी भी प्रकार का सवाल रह गई है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।


अगर इसलिए अपने आप को दी गई जानकारी पसंद आई है तो इसलिए तो आप सोशल मीडिया में शेयर करें ताकि और भी IP Address Kya Hota Hai? के बारे में जानकर प्राप्त कर सके।

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